प्रतापगढ़ में आपको हर वर्ग के लोग मिल जायेंगे।
अमीर, गरीब, अनपढ़, पढ़े-लिखे, किसान इत्यादि।
जातीय विविधता भी यहाँ पर आपको बहुतायत में देखने को मिल जायेगी।
जैसे- हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख व ईसाई।
हिन्दुओं का वर्चस्व प्रतापगढ़ में शुरु से ही रहा है।
जिसमें ठाकुरों व पण्डितों का दबदबा राजनीति से लेकर बिज़नेस क्षेत्रों तक में बहुलता में देखा जा सकता है।
मुस्लिम वर्ग भी बेगम वाट नामक जगह पर बहुलता में देखा जा सकता है। जहाँ कारीगरों की भरमार है। लोहे की आलमारियों से लेकर बिस्कुट फैक्टरियाँ तक इस जगह पर, आपको गली के किसी न किसी छोर पर मिल जायेंगी।
दूसरी तरफ पंजाबी मार्केट, पंजाबियों का गढ़ माना जाता है। कपड़ों के व्यवसाय पर इनका दबदबा आज भी है। कपड़ों की खरीद-फरोख़्त के लिये पंजाबी मार्केट सबसे उपयुक्त जगह मानी जाती है।
कुछ साल पहले महिलाओं को सड़कों पर उतना नहीं देखा जा सकता था लेकिन आज माहौल काफी बदल चुका है। आधुनिकता की हवा यहाँ भी तेजी से चल निकली है। लड़कियाँ और महिलायें सड़कों पर घूम-घूम कर ख़रीददारी करती हुई आपको नजर आ जायेंगी।
परिधानों में मुख्यता साड़ी, सलवार-सूट की बहुलता देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त लड़कियाँ भिन्न-भिन्न लिबासों में आपको नजर आ सकती है। जिनमें जीन्स, टी-शर्ट, लाँग स्कर्ट प्रमुख हैं।
कुछ मुस्लिम महिलायें आज भी बुर्के में दिख जाती है।
जल्द ही दिल्ली व मुम्बई की तरह यहाँ भी परिधानों में आधुनिक व्यापकता दिखाई पड़ेगी।
अमीर, गरीब, अनपढ़, पढ़े-लिखे, किसान इत्यादि।
जातीय विविधता भी यहाँ पर आपको बहुतायत में देखने को मिल जायेगी।
जैसे- हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख व ईसाई।
हिन्दुओं का वर्चस्व प्रतापगढ़ में शुरु से ही रहा है।
जिसमें ठाकुरों व पण्डितों का दबदबा राजनीति से लेकर बिज़नेस क्षेत्रों तक में बहुलता में देखा जा सकता है।
मुस्लिम वर्ग भी बेगम वाट नामक जगह पर बहुलता में देखा जा सकता है। जहाँ कारीगरों की भरमार है। लोहे की आलमारियों से लेकर बिस्कुट फैक्टरियाँ तक इस जगह पर, आपको गली के किसी न किसी छोर पर मिल जायेंगी।
दूसरी तरफ पंजाबी मार्केट, पंजाबियों का गढ़ माना जाता है। कपड़ों के व्यवसाय पर इनका दबदबा आज भी है। कपड़ों की खरीद-फरोख़्त के लिये पंजाबी मार्केट सबसे उपयुक्त जगह मानी जाती है।
कुछ साल पहले महिलाओं को सड़कों पर उतना नहीं देखा जा सकता था लेकिन आज माहौल काफी बदल चुका है। आधुनिकता की हवा यहाँ भी तेजी से चल निकली है। लड़कियाँ और महिलायें सड़कों पर घूम-घूम कर ख़रीददारी करती हुई आपको नजर आ जायेंगी।
परिधानों में मुख्यता साड़ी, सलवार-सूट की बहुलता देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त लड़कियाँ भिन्न-भिन्न लिबासों में आपको नजर आ सकती है। जिनमें जीन्स, टी-शर्ट, लाँग स्कर्ट प्रमुख हैं।
कुछ मुस्लिम महिलायें आज भी बुर्के में दिख जाती है।
जल्द ही दिल्ली व मुम्बई की तरह यहाँ भी परिधानों में आधुनिक व्यापकता दिखाई पड़ेगी।