प्रतापगढ़ में मुख्यता तीन तरह की भाषा अधिकता में बोली जाती है।
पहली भाषा है- अवधि।
जिसे यहाँ रहने वाले ज्यादातर लोग बोलते हैं। पड़े-लिखे हो या अनपढ़, सभी इस भाषा का बहुलता से प्रयोग करते हैं।
ये यहाँ की स्थानीय भाषा है।
जैसे- मुझे भूख लगी है।
इस खड़ी बोली का अवधी रूप होगा- हमका भूख लाग बाटै।
या,
मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
अवधि में कहेंगे- हम तोहसी प्यार करी थी।
दूसरी भाषा है- खड़ी हिन्दी बोली।
जो कि पूरे भारत की राष्ट्रभाषा है।
अवधि के बाद ये भाषा यहाँ पर पूरे हिन्दुस्तान की तरह ही प्रचुरता में बोली जाती है।
लेकिन स्थानीय भाषा का दबदबा हर जगह देखा जा सकता है।
तीसरी भाषा वैश्विक है यानि- अंग्रेजी।
जो पड़े-लिखे लोग आपसी संवाद के लिये प्रयोग करते हैं।
लेकिन उसमें भी खड़ी बोली के शब्दों का प्रयोग आधुनिकता के तहत ज्यादा होता है।
जैसेः- आज बहुत हॉट है।(आज बहुत गर्मी है।)
बहुत टायर्ड महसूस हो रहा है।(बहुत थकावट महसूस हो रही है।)
सिर्फ खड़ी हिन्दी के साथ में ही नहीं बल्कि अवधि के साथ भी अंग्रेजी भाषा के शब्दों का प्रयोग काफी आम हो गया है।
जैसे- आज तौ मौसम बहुत कूल अहै। (आज मौसम बहुत ठन्डा है।)
और....हम तोहसी लव करी थी।(मैं तुमसे प्यार करता हूँ।)
पहली भाषा है- अवधि।
जिसे यहाँ रहने वाले ज्यादातर लोग बोलते हैं। पड़े-लिखे हो या अनपढ़, सभी इस भाषा का बहुलता से प्रयोग करते हैं।
ये यहाँ की स्थानीय भाषा है।
जैसे- मुझे भूख लगी है।
इस खड़ी बोली का अवधी रूप होगा- हमका भूख लाग बाटै।
या,
मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
अवधि में कहेंगे- हम तोहसी प्यार करी थी।
दूसरी भाषा है- खड़ी हिन्दी बोली।
जो कि पूरे भारत की राष्ट्रभाषा है।
अवधि के बाद ये भाषा यहाँ पर पूरे हिन्दुस्तान की तरह ही प्रचुरता में बोली जाती है।
लेकिन स्थानीय भाषा का दबदबा हर जगह देखा जा सकता है।
तीसरी भाषा वैश्विक है यानि- अंग्रेजी।
जो पड़े-लिखे लोग आपसी संवाद के लिये प्रयोग करते हैं।
लेकिन उसमें भी खड़ी बोली के शब्दों का प्रयोग आधुनिकता के तहत ज्यादा होता है।
जैसेः- आज बहुत हॉट है।(आज बहुत गर्मी है।)
बहुत टायर्ड महसूस हो रहा है।(बहुत थकावट महसूस हो रही है।)
सिर्फ खड़ी हिन्दी के साथ में ही नहीं बल्कि अवधि के साथ भी अंग्रेजी भाषा के शब्दों का प्रयोग काफी आम हो गया है।
जैसे- आज तौ मौसम बहुत कूल अहै। (आज मौसम बहुत ठन्डा है।)
और....हम तोहसी लव करी थी।(मैं तुमसे प्यार करता हूँ।)